Lion Poem For Whatsapp
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शेर पर कविता
शेर घायल है मगर दहाड़ना नहीं भूला
शेर घायल है मगर दहाड़ना नहीं भूला
एक बार में सौ को पछाड़ना नहीं भूला।
कुत्ते समझ रहे हैं कि, शेर तो हो चुका है
ढ़ेर उन्हें कौन समझाए कि, ये तो समय का है फेर।
साज़िश और षड्यंत्र के बल पर,
हुआ यह सब वरना आज तक कोई,
शेर को मार सका है कब।
विरोधियों ने बैठक बुलाई,
नई-नई योजना बनाई सिंह को वश में करने के लिए,
चक्रव्यूह रचना सुझाई।
चौकन्ना एक चीता, हालात जो सब समझ चुका था
ऐसे ही एक जाल में, बहुत पहले खुद फंस चुका था।
कुत्ते गीदड़ सियार लोमड़ी,
बेशक सब गए हो मिल अपनी ही चाल में फंसेगे सब,
नहीं अब ये मुश्किल।
शेर ज़ख़्मी है लेकिन शिकार करना नहीं भूला
पंजों से अपने घातक प्रहार करना नहीं भूला।।
Lion Poem For Whatsapp
Reviewed by Rita smith
on
8:34 am
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